मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध खुबसूरत पर्यटन स्थल | Famous Beautiful Tourist Places of Madhya Pradesh |

मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध खुबसूरत पर्यटन स्थल

अगर आपको ट्रेवल करना पसंद है ओर आप मध्य प्रदेश आने का सोच रहे है तो हम आपको मध्यप्रदेश की 11 खूबसूरत जगहों के बारे में बताने जा रहे है यह जा कर आपको बहुत आनंद आएगा यह जगहें पर्यटन के लिए बहुत प्रचलित है।

मध्यप्रदेश की प्रसिद्ध 11 खूबसूरत जगहें 


मांडू मध्यप्रदेश
मांडू(Mandu): स्वच्छता में भारत के नंबर वन शहर इंदौर के पास विंध्याचल की खूबसूरत पर्वतमालाओं के बीच 2000 फीट की ऊंचाई पर बसा मांडू मालवा के परमारों द्वारा शासित रहा है। यहां पर राज महाराजों के महल, बावड़ी, तालाब आदि देख सकते हैं। यहां पर प्राकृतिक सुंदरता भी भरपूर है। यह स्थान इंदौर से करीब 98 किलोमीटर दूर है। 


सांची
सांची स्तूप (Sanchi Stupa): अपनी प्राचीन कला और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। यह मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के सांची शहर में स्थित छोटा सा गाँव है यह विश्व प्रसिद्ध के साथ साथ पर्यटकों के लोकप्रिय आकर्षणों में से एक है। सांची मध्य प्रदेश का एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थान है। यह राजधानी भोपाल से लगभग 52 किमी और विदिशा से 10 किमी की दूरी पर स्थित है। पहाड़ी की चोटी पर स्थित, सांची एक धार्मिक और ऐतिहासिक परिणामों के साथ धार्मिक स्थान के रूप में आता है। अपने स्तूपों और मठों के लिए जाना जाने वाला, यह धार्मिक शहर बौद्ध कला के सुंदर कार्यों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। साची में कई आकर्षण हैं जो दूसरी और पहली शताब्दी ईसा पूर्व के हैं।

यह आपको बौद्ध विहार, सांची स्तूप के चार द्वार, सांची संग्रहालय, द ग्रेट बाउल, गुप्त मंदिर, अशोक स्तंभ, सांची स्तूप देखने मिलेंगे।


भेड़ाघाट (bhedaghat): मानसून में यहां का झरना देखना अद्भुत है। यहां आपको सफेद संगमरमर के दो पहाड़ों के बीच नर्मदा नदी बहती हुई नजर आएगी। मध्यप्रदेश के जबलपुर के पास भेड़ाघाट नामक यह स्थान धुआंधार झरने के लिए भी प्रसिद्ध है। इसकी छटा अनुपम है और पानी के गिरने की आवाज दूर तक सुनाई देती है। नर्मदा में नौका-विहार करने का रोमांच ही कुछ और है।

भेड़ाघाट के समीप ही भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित चौसठ योगिनी मंदिर इसके समीप स्थित है।


पचमढ़ी (Pachmarhi): होशंगाबाद जिले में स्थित पचमढ़ी मध्यप्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन है जिसे मध्यप्रदेश का श्रीनगर और स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है। रोमांटिक स्थलों में यह टॉप पर है। ऊंचे ऊंचे पहाड़, झील, झरने, गुफाएं, जंगल सभी कुछ हैं यहां पर। राजधानी भोपाल से यहां पहुंचना और रहना बहुत ही आसान और सस्ता है। पचमढ़ी के पास ही अमरकंटक वह स्थान है जहां से नर्मदा नदी का उद्गम हुआ है। यहाँ की गुफाएँ पुरातात्विक महत्व की हैं, क्योंकि यहाँ गुफाओं में शैलचित्र भी मिले हैं। इसे सतपुड़ा की रानी भी कहा जाता है।


खजुराहो

खजुराहो (Khajuraho): मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित विश्वप्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो अपने मंदिरों के लिए प्रसिद्ध। खजुराहो शिल्प के अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय नृत्य समारोह के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। इन विश्व प्रसिद्ध मंदिरों का निर्माण चंदेल राजाओं ने सन् 950-1050 के बीच करवाया था। पहले इसका नाम 'खर्जुरवाहक' था। 1986 में यूनेस्को द्वारा इन मंदिरों को 'विश्व धरोहर स्थल' घोषित कर रखा है।

हम आपको बता दे की इस मंदिर की दीवारों पर बनी सिर्फ 10% नक्काशी यौन गतिविधियों को दर्शाती हैं इसके अलावा यहां की 90% नक्काशी उस वक्त के लोगों के जीवन को प्रदर्शित करती है तथा मंदिर में कुम्हारों, संगीतकारों, किसानों और महिलाओं की मूर्तियां भी बनाई गई है।


ओमकारेश्वर

ओमकारेश्वर (Omkareshwar): इंदौर के पास करीब 90 किलोमीटर दूर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का मंदिर नर्मदा नदी के तट पर स्थित है। मानसून में यहां की यात्रा के दौरान नदी और घाटों के नजारे कई गुना ज्यादा सुंदर दिखाई देते हैं। यात्रा के दौरान ऐतिहासिक घाटों, प्राकृतिक खूबसूरती को संजोए पर्वत, आश्रमों, डेम, बोटिंग आदि का लुत्फ भी लिया जा सकता है। ओंकारेश्वर के पास ही महारानी अहिल्याबाई की नगरी महेश्वर को देखना न भूले और मंडलेश्वर भी पास में स्थित है।

ओमकारेश्वर को भगवान शिव का घर कहा जाता है यहां भगवान शिव स्वयं विराजमान रहते है। यह 12 ज्योतिलिंग में से एक है।


कान्हा राष्ट्रीय उद्यान

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान (Kanha National Park) :

एशिया के सबसे सुरम्य और खूबसूरत वन्यजीव रिजर्वों में से एक है कान्हा राष्ट्रीय उद्यान। यहां पर हजारों पशु और पक्षियों का झुंड है। मंडला और जबलपुर शहर से सड़क मार्ग द्वारा 'कान्हा राष्ट्रीय उद्यान' तक पहुंचा जा सकता है। बारिश के मौसम में भी यहां पर घूमने की सरकार ने व्यवस्था की है। खटिया गेट से बफर जोन घूमने के लिए पर्यटकों को एंट्री टिकिट मिलेगी। यह जोन लगभग 35 वर्ग किमी का है और यहां अधिकांश वन्यप्राणी दिखाई पड़ते हैं।


ओरछा

ओरछा (Orchha): अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल और रामराजा की नगरी ओरछा में प्रतिदिन बड़ी संख्या में भारत से ही नहीं, बल्कि विदेशी सैलानी भी पहुंचते हैं। यहां पर ओरछा के राजाओं द्वारा बनाए गए भव्य मंदिर और स्मारकों को देखना अद्भुत है। बेतवा नदी के तट पर बसे ऐतिहासिक शहर ओरछा की स्थापना 16 वीं शताब्दी में बुंदेला राजपूत प्रमुख रुद्र प्रताप ने की थी


चित्रकूट
चित्रकूट (Chitrakoot): कुछ हिस्सा उत्तर प्रदेश और कुछ मध्यप्रदेश में आता है। यहां के सुंदर प्राकृतिक स्थल, कल कल बहते झरने, घने जंगल, चहकते पक्षी और बहती नदियां मानसून एवं प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग के समान है। चित्रकूट मध्यप्रदेश के सतना जिले में आता है, जबकि चित्रकूट धाम उत्तर प्रदेश में पड़ता है।

 

भोपाल
भोपाल (Bhopal) : भोपाल में बहुत बड़ी झील है जिसे देखने के लिए लोग दूर दूर से आते हैं। भोपाल को झीलों की नगरी भी कहा जाता है यह आपको खुबसूरत बिरला मंदिर, पार्क, बड़े बड़े मॉल था राजा महाराजाओं के महल देखने मिलेंगे। इस शहर के पास ही भीम बैठका, अभयारण्य और भोजपुर को देखना न भूलें। 

बाघ की गुफाएं
बाघ की गुफाएं (Tiger Caves) : मध्यप्रदेश के प्राचीन स्थल धार जिले में स्थित बाघ की गुफाएं इंदौर शहर से 60 किलोमीटर की दूरी पर ही है। बाघिनी नामक छोटी-सी नदी के बाएं तट पर और विंध्य पर्वत के दक्षिण ढलान पर स्थित इन गुफाओं का इतिहास भी रहस्यों से भरा है। माना जाता है कि इन गुफाओं का निर्माण भगवान बुद्ध की प्रतिदिन होने वाली दिव्यवार्ता को प्रतिपादित करने हेतु निर्मित और चित्रित किया गया था।

इसके अलावा पूनासा डेम, शिवपुरी, अमरकंटक, आदि जगहों पर भी घूमा जा सकता है।


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