मांस खाने वाले पौधे | carnivorous plants

मांसाहारी पौधे

मांसाहारी पौधे

दोस्तो आपने मांसाहारी भोजन का तो सुना ही होगा जो मनुष्य ओर कुछ जीव जंतु करते है क्या आपको पता है ऐसे कुछ पौधे भी है जो मांसाहारी होते है।

कीटाहारी जंतुओं की भाँति कुछ पौधे भी कीटाहारी होते हैं। उन्हें मांसाहारी पादप (Carnivorous plant) कहते हैं। कीटाहारी पौधों की कुल 400 जातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से प्राय: 30 जातियाँ भारत में पाई जाती हैं। ये पौधे ऐसे स्थानों पर पनपते हैं जहाँ नाइट्रेट का अभाव रहता हैं, अथवा वे जमीन के नाइट्रोजन को उपयोग में लाने में असमर्थ होते हैं। जीवन के लिए प्रोटीन, अत्यंत आवश्यक है और इसे प्राप्त करने के लिए पौधों को नाइट्रोजन मिलना चाहिए। नाइट्रोजन के लिए ये पौधे निकट आनेवाले कीड़ों का भक्षण करते हैं। 

आईए देखे विचित्र मांसाहारी पोधे

1. मक्खाजाली (Drosera)

मक्खाजाली Drosera

जिसे आमतौर पर sundews के रूप में जाना जाता है, कम से कम 194 प्रजातियों के साथ, मांसाहारी पौधों के सबसे बड़े जेनेरा में से एक है। परिवार के ये सदस्य ड्रोसेरासी को पत्ती की सतहों को ढकने वाले डंठल वाले श्लेष्मिक ग्रंथियों का उपयोग करके कीटों को लुभाते, पकड़ते और पचाते हैं। कीटों का उपयोग मिट्टी के खराब खनिज पोषण के पूरक के लिए किया जाता है जिसमें पौधे बढ़ते हैं। विभिन्न प्रजातियां, जो आकार और रूप में बहुत भिन्न होती हैं, अंटार्कटिका को छोड़कर हर महाद्वीप के मूल निवासी है


मक्खाजाली

यह पौधा तालाबों के किनारे पाया जाता है। इस पौधे में गोलाई में लगी करीब २५ पत्तियाँ होती है। प्रत्येक पत्ते पर करीब २०० छोटे छोटे संवेदक बाल होते हैं, जिनकी चोटी पर एक चमकीला पदार्थ स्त्रावित होता है और कीड़ों को आकर्षित करता हैं। कीड़ा इसे मधु समझकर जैसे ही पत्ते पर बैठता है, संवेदक बाल चौकन्ने हो जाते हैं और मुड़कर कीड़े को पकड़ना शुरू करते तथा पत्ते के निचले भाग में उसे खींचकर ले जाते हैं। अब पत्ते से एक पाचक रस निकलता है जो कीड़े के मांस को घुला देता हैं। इसे फिर पौधे चूस लेते हैं।

स्वादिष्ट कीड़े मिलने पर यह पौधा आवश्यकता से अधिक खा लेता है और तब बीमार पड़ जा सकता है। ऐसी हालत में कुछ समय के लिये यह खाना बंद कर देता है। 


2. कोबरा लिली cobra Lilly

कोबरा लिली cobra Lilly

इस पौधे का वानस्पतिक नाम डार्लिंगटोनिया कैलीफोर्निका (Darlingtonia californica) है। यह पादप मुख्यतः उत्तर कैलिफोर्निया एवं ओरिगोन में पाया जाता है। कोबरा लिली इस पौधे का नाम इसलिये पड़ा चूँकि इसकी ट्यूबूलर पत्तियाँ कोबरे के फन के आकार की होती है। पत्ती का ऊपरी भाग फूले हुए गुब्बारे के समान होता है। इसी फूले हुए गुब्बारे के नीचे एक छोटा रास्ता होता है जहाँ पर कीट आकर बैठते हैं तो फँस जाते हैं। इस पौधे की एक और विशेषता है कि यह पादप पाचक एंजाइम्स नहीं पैदा करता जबकि उसके स्थान पर बैक्टीरिया एवं प्रोटोजोआ कैद कीट के पोषक तत्वों को ग्रहण करने में सहायता करते हैं।


3. ब्लैडरवटर् (Bladderwort)

ब्लैडरवटर् (Bladderwort)

यह बारीक पत्तोंवाला जड़तरहित पौधा है, जो तालाबों में तैरता हुआ पाया जाता है। इसकी कुछ पत्तियाँ फूलकर थैली या ब्लैडर के आकार की हो जाती हैं। प्रत्येक थैली के मुँह के पास एक द्वार रहता है जो केवल अंदर की ओर खुलता है। ब्लैडर के मुँह पर तीन संवेदक बाल रहते हैं। पानी में तैरता हुआ कीड़ा इन बालों के स्पर्श में आते ही ब्लैडर के अंदर ढकेल दिया जाता है। द्वार बंद हो जाता है और ब्लैडर के अंदर कैद किया गया कीड़ा मर जाता हैं। पाचक द्रव द्वारा अब इस कीड़े के मांस का शोषण होता है। ब्लैडर की दीवारो पर लगे हुए कई छोटे छोटे बाल रहते हैं, जो ब्लैडर के पानी को बाहर निकाल देते हैं और द्वार फिर से खुल जाता है।


4. सुंदरी का पिंजड़ा (Venus s flytrap)

सुंदरी का पिंजड़ा (Venus s flytrap

यह पोधा अमरीका में पाया जाता है। इस पौधे के पत्ते का ऊपरी भाग दो पल्लवों (Flaps) के आकार का होता है और बीच में एंजिसवाले भाग पर छह संवेदक बाल रहते हैं। मधु की तलाश में भटकता हुआ कीड़ा जैसे ही इन बालों को स्पर्श करता है, दोनों पल्लव कसकर बंद हो जाते हैं और कीड़ा इस सुंदर पिंजड़े में बंद हो जाता है। ग्रंथियों से निकला पाचक रस इस कीड़े को सोख लेता हैं। कीड़ा खत्म होने पर पिंजड़ा आप ही आप खुल जाता है।

डार्विन के मतानुसार यह संसार का सबसे अधिक आश्चर्यजनक पौधा है। पेंसिल की नोक अथवा उँगली द्वारा स्पर्श करने पर यह पिंजड़ा बंद नहीं होता, किंतु कीड़ा बैठते ही वह कसकर बंद हो जाता है।


5. सरसैनिया (Sarsainiya)

सरसैनिया (Sarsainiya)

इसमें पूर्ण पत्ता सुराही में परिणत हो जाता है और उसमें पानी भरा रहता है। सुराही के ऊपरी भाग पर नीचे की ओर मुड़े हुए कई बाल रहते हैं। मधु के लालच में कीड़ा सुराही पर आकर बैठ जाता है और सुराही में फिसल जाता है। बाहर निकलने का प्रयत्न करने पर सुराही के मुँह पर लगे हुए बाल उसे फिर से अंदर ढकेल देते हैं। सुराही के पानी में डूबकर कीड़ा मर जाता है और पाचक रस द्वारा उसका शोषण होता हैं। दूर से दिखनेवाली मधु की सुराही वास्तव में कीड़े के लिए मौत की सुराही रहती है।


आपको ये विचित्र पौधों के बारे में पड़ के उमीद करते है अच्छा लगा होगा हम आपके लिए ऐसी ही ओर रोचक जानकारियां लाते रहेंगे आप हमारे ब्लॉग को समय समय पर देखते रहे ओर शेयर करते रहे ओर खुश रहे हमेशा।

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