सुर्य नमस्कार एवं उसके फायदे | सूर्य नमस्कार कैसे करे |

 

सुर्य नमस्कार

 सुर्य नमस्कार 

सूर्य ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है। इसी कारण प्राचीन ऋषि-मुनि सूर्य की पूजा-अर्चना करते थे। सूर्य से हमे विटामिन डी प्राप्त होता है । हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योगासन बहुत जरूरी है सूर्य नमस्कार अति लादायक है। सूर्य नमस्कार का मतलब है सूर्य को नमन करना । यह आपको एक साथ 12 योगासनों का फायदा देता है और इसीलिए इसे सर्वश्रेष्ठ योगासन भी कहा जाता है।


योग एक्सरसाइज और फिजिकल मूवमेंट न केवल शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी हैं बल्कि दिमाग को फिट रखने के लिए भी अहम है सूर्य नमस्कार के 12 चरण का हर रोज अभ्यास करने से दिमाग सक्रिय और एकाग्र बनता है। आमतौर पर इसका अभ्यास सुबह खाली पेट किया जाता है। सुबह के समय खुली जगह पर इसे करें, जहां आपको ताजा हवा मिले।


आइए जानते हैं सूर्य नमस्कार कैसे किया जाता है और क्या हैं इसके लाभ 


1. पाचन और भूख में सुधार करता हैं।

2. वजन कम करने में मदद करता हैं।

3. शरीर को लचीला बनाता है।

4. कब्ज की समस्या को ठीक करने में कारगर है।

5. शारीरिक और मानसिक मजबूती बढ़ाता है।

6. बॉडी पोस्चर को बेहतर करता है और बैलेंस बनाने में मदद करता है।

7. मसल्स को टोन करता हैं और हड्डियों को मजबूत करता है।

8. बाजू, कंधों, कमर, पैर, क्वैड्स, काफ़्स और हिप्स की मांसपेशियों को टोन करता है।


सूर्य नमस्कार कैसे करे।

 

सूर्य नमस्कार के 12 योगासन


1. प्रणामासन (Pranamasana - The Prayer Pose)

 

प्रणामासन


सूरज की तरफ चेहरा करके सीधे खड़े हों और दोनों को पैरों को मिलाएं, कमर सीधी रखें। अब हाथों को सीने के पास लाएं और दोनों हथेलियों को मिलाकर प्रणाम की अवस्था बनाएं।


2. हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana - Raised Arms Pose)


 

पहली अवस्था में ही खड़े होकर अपने हाथों को सिर के ऊपर उठाकर सीधा रखें। अब हाथों को प्रणाम की अवस्था में ही पीछे की ओर ले जाएं और कमर को पीछे की तरफ झुकाएं।


3. पादहस्तासन (Padahastasana - Standing Forward Bend)


 

अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें और आगे की ओर झुकते हुए हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं। इस समय आपका सिर घुटनों से मिला होना चाहिए।


4. अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana - Equestrian Pose)

 



धीरे-धीरे सांस लें और सीधा पैर पीछे की ओर फैलाएं। सीधे पैर का घुटना जमीन से मिलना चाहिए। अब दूसरे पैर को घुटने से मोड़ें और हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें। सिर को आसमान की ओर रखें।


5. दंडासन (Dandasana - Staff Pose )

 


अब सांस छोड़ते हुए दोनों हाथों और पैरों को सीधी लाइन में रखें और पुश-अप की पोजीशन में आ जाएं।


6. अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskara - Eight Limbed pose or Caterpillar pose)


अब सांस लेते हुए अपनी हथेलियों, सीने, घुटनों और पैरों को जमीन से मिलाएं। इस अवस्था में रहें और सांस को रोकें।


7.  भुजंगासन (bhujanasan)



अब हथेलियों को जमीन पर रखकर पेट को जमीन से मिलाते हुए सिर को पीछे आसमान की ओर जितना हो सके झुकाएं।


8. अधोमुख शवासन (Adho Mukha Svanasana - Downward-facing Dog Pose)

 


इसे पर्वतासन भी कहा जाता है। इसके अभ्यास के लिए अपने पैरों को जमीन पर सीधा रखें और कूल्हे को ऊपर की ओर उठाएं। सांस छोड़ते हुए कंधों को सीधा रखें और सिर को अंदर की तरफ रखें।


9. अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana - Equestrian Pose)


धीरे-धीरे सांस लें और सीधा पैर पीछे की ओर फैलाएं। सीधे पैर का घुटना जमीन से मिलना चाहिए। अब दूसरे पैर को घुटने से मोड़े और हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें। सिर को आसमान की ओर रखें।


10. पादहस्तासन (Padahastasana - Hand Under Foot Pose)


अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें और आगे की ओर झुकते हुए हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं। इस समय आपका सिर घुटनों से मिला होना चाहिए।


11. हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana - Raised Arms Pose)


पहली अवस्था में ही खड़े होकर अपने हाथों को सिर के ऊपर उठाकर सीधा रखें। अब हाथों को प्रणाम की अवस्था में ही पीछे की ओर ले जाएं और कमर को पीछे की तरफ झुकाएं। इस दौरान आप आधे चांद का आकार बनाएंगी। इस आसन को अर्धचंद्रासन भी कहा जाता है।


12. प्रणामासन (Pranamasana - The Prayer Pose)



सूरज की तरफ चेहरा करके सीधे खड़े हों और दोनों को पैरों को मिलाएं, कमर सीधी रखें। अब हाथों को सीने के पास लाएं और दोनों हथेलियों को मिलाकर प्रणाम की अवस्था बनाएं।



सूर्य नमस्कार करते समय क्या सावधानियां बरतें?

1. सूर्य नमस्कार को सुबह ताज़ी हवा में खाली पेट करें।

2. शुरुआत में इसे धीरे-धीरे करें।


हम आशा करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। योग के नियमित अभ्यास से जीवन में सुधार होता है 


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